शिक्षा मंत्री जी! राजस्थान के बेरोजगारों को आंकड़े नहीं, नियुक्ति का शुभ समाचार चाहिए

मैं बेरोजगार हूं सरकार! सीरिज का यह सातवां अंक है. सबसे पहले हमें खुशी है कि पिछली सीरिज में हमारे सुझाव पर शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने गौर किया और वे गुरुवार को फेसबुक पर लाइव रहेंगे और शिक्षा विभाग की भर्तियों का स्टेट्स बताएंगे. 
इन नौजवानों की जिंदगी में पढ़ने के अलावा कोई और वक्त नहीं होता है. सुबह उठना और शाम तक कोचिंग में रहना और फिर तैयारी में लग जाना. इस बीच जबसे उन्हें पता चला है कि शिक्षा मंत्री भर्तियों को लेकर फेसबुक पर लाइव होंगे, तब से स्टूडेंट्स उन्हें ट्विटर पर ढेरों सवाल भेज रहे हैं. यह सवाल क्यों हैं? यह डर क्यों है? इस बात को समझना बेहद जरूरी है. अटके रिजल्ट व भर्तियों की सीरिज करते हुए यही जाना कि किस तरह तीन-तीन साल यहां तक कि सात-सात साल लग जाते हैं भर्तियां पूरी होने में. यह देरी अफसरों की वजह से होती है. सरकार के फैसले के कारण से होती है. अगर-समय पर पर्याप्त संख्या में नौकरियां नहीं निकलेंगी, प्रक्रिया पूरी नहीं होंगी तो इसमें नौजवानों की क्या गलती है.

यह डर इस वजह से है-

शिक्षा विभाग में 5758 पदों पर नियुक्तियां कई सालों से पूरी नहीं हो पा रही. इनमें अधिकतर भर्तियां कोर्ट में हैं और विभाग इनकी पैरवी तक नहीं कर पा रहा. कुछ भर्तियों के विवाद तो ऐसे हैं, हाईकोर्ट की डबल बेंच तक सूची जारी करने के निर्देश दे चुका है, लेकिन सरकार सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी में है. सबसे बड़ा उदाहरण साल 2016 में अंग्रेजी विषय के 4761 पदों पर निकाली गई भर्ती का है. प्रोविजन परिणाम 25 जनवरी 2018 को जारी किया गया. 20 अगस्त को नियुक्त प्रकोष्ठ ने अपात्र व अनुपस्थित श्रेणी के रिक्त पदों पर नए अभ्यर्थियों को चुनते हुए रिशफल रिजल्ट जारी कर दिया. वहीं, नॉन ज्वॉइनर्स श्रेणी के करीब 450 रिक्त पदों न तो रिशफल हुआ और न ही वेटिंग सूची जारी की गई. इस मामले काे लेकर अभ्यर्थी हाईकोर्ट चले गए. शिक्षा विभाग की लापरवाही की वजह से पूर्व में नॉन ज्वॉइनर्स और रिशफल रिजल्ट के बाद के 276 नॉन ज्वॉइनर्स के कुल 726 पद रिक्त रह गए. हाईकोर्ट की डबल बेंच ने सात जनवरी 2020 को सरकार की डीबी अपील खारीज करते हुए 726 पदों पर वेटिंग लिस्ट जारी करने के आदेश दे दिए, लेकिन अभी तक इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गई है.

21755 ग्रेड सैकंड शिक्षकों के पद खाली
विधानसभा में पेश आंकड़े बताते हैं कि ग्रेड सैकंड शिक्षकों के 21755 पद खाली पड़े हैं. इसके बाद भी शिक्षा विभाग सैकंड शिक्षकों के पदों को भरने के लिए सात साल से कितनी कोशिश कर रहे हैं, इसका उदाहरण है-वरिष्ठ अध्यापक भर्ती 2013। इस भर्ती के 583 अभ्यर्थी सात साल से नियुक्ति का इंतजार कर रहे हैं. रिजल्ट 2014 में जारी किया गया था.

संस्कृत विभाग : 2018 में 428 पदों में से 389 पद अभी तक खाली पड़े हैं. एकल पीठ जोधपुर में मो. असलम की याचिका पर सूची जारी करने के निर्देश भी हो गए, लेकिन सरकार डबल बेंच जाने की तैयारी में है.
विज्ञान-गणित : 2016 की भर्ती में अब तक 1169 पद खाली पड़े हैं. हैरानी यह है कि नॉन टीएसपी सामान्य शिक्षकों के 927 में से अभी तक सिर्फ 50 शिक्षकों की ज्वॉइनिंग हुई है. 877 पद खाली हैं. नॉन टीएसपी विशेष शिक्षकों के 43 में से 33, टीएसपी सामान्य शिक्षक के 785 में से 237 और टीएसपी विशेष शिक्षक के 4 पदों में से 2 पद अभी तक खाली है.
अंग्रेजी विषय लेवल-2 : 31 जुलाई 2018 को भर्ती का विज्ञापन निकला. तीन सितंबर को कट ऑफ मुख्य चयन सूची जारी हुई. 28 फरवरी 2019 को रिशफल व प्रोविजन सूची जारी कर दी गई. अभी 666 पद पर ज्वॉइनिंग ही नहीं दी गई है. नॉन टीएसपी सामान्य शिक्षक के 9278 पदों में से 506, नॉन टीएसपी विशेष शिक्षकों के 168 में से 98, टीएसपी सामान्य शिक्षक के 1492 में से 59 और टीएसपी विशेष शिक्षकों के 18 में से 3 पद अभी तक नहीं भरे गए हैं.
हिंदी विषय 2018 : लेवल-2 भर्ती में 2 साल बाद भी 437 पद खाली चल रहे हैं. नॉन टीएसपी के सामान्य शिक्षकों के 4762 में से 268, विशेष शिक्षकों के 138 में से 102, टीएसपी के सामान्य शिक्षकों के 586 में से 50 और विशेष शिक्षकों के 18 में से 17 पद रिक्त ही चल रहे हैं.
विज्ञान-गणित 2018 : लेवल-2 की इस भर्ती में 379 पदों को भरने के लिए सरकार की तरफ से अभी तक कोशिशें नहीं दिख रही. नॉन टीएसपी के सामान्य शिक्षकों के 5728 में से 116 व विशेष शिक्षकों के 172 में से 141 पद खाली हैं. इसी तरह टीएसपी के सामान्य शिक्षकों के 1361 में से 119 और विशेष शिक्षकों के 18 में से तीन पद खाली हैं.
सामाजिक अध्ययन 2018 : लेवल-2 भर्ती में 1265 पद अभी तक खाली हैं. नॉन टीएसपी के सामान्य शिक्षकों के 2700 पदों में से 962 व विशेष शिक्षकों के 200 में से 144 पद खाली हैं. टीएसपी के सामान्य शिक्षकों के 331 में से 144 और विशेष शिक्षकों के 18 में से 15 खाली पदों पर नियुक्ति का इंतजार है.
संस्कृत 2018 : लेवल-2 की इस भर्ती में 616 पद खाली हैं. नॉन टीएसपी के 614 में से 472 व विशेष शिक्षकों के सभी नौ पद खाली हैं. इसी तरह टीएसपी के सामान्य शिक्षकों के 184 में से 135 पद नहीं भरे गए हैं.
संस्कृत व उर्दू 2018 : संस्कृत भर्ती में नॉन टीएसपी सामान्य शिक्षकों के 55 पदों में से एक पद ही रिक्त है. जबकि उर्दू में 10 पद खाली चल रहे हैं. अभ्यर्थियों का कहना है कि विभाग भर्ती को अटकाए रखना चाहती है.

2 साल से सैकंड ग्रेड के 9300 पदों पर नियुक्ति का इंतजार
2 साल से सैकंड ग्रेड के 9300 पदों पर नियुक्ति का इंतजार भी है. यह परीक्षा आरपीएससी ने कराई थी. छात्र कई बार ट्विटर कैंपेन चला चुके हैं, लेकिन अभी तक इन भर्तियों का रास्ता साफ नहीं हो पाया है।

शिक्षा मंत्री ने ट्विटर पर लिखा है कि पारदर्शिता अच्छी गर्वनेंस का मूल आधार है. हमारी सरकार इसके लिए प्रतिबद्ध है. फेसबुक पर सही जानकारी दूंगा ताकि कोई गुमराह नहीं कर पाए. वैसे एलडीसी-2018 अभ्यर्थी भी उनसे कई सवाल पूछ रहे हैं. उनका सवाल है कि 587 पदों की कटौती के बारे में वे मुख्यमंत्री से कब बात करेंगे.

शिक्षा मंत्री की नियत अच्छी है कि वे सोशल मीडिया पर आकर छात्राें को भर्तियों के बारे में स्टेट्स रिपोर्ट देने के लिए आगे अाए हैं, लेकिन यह कतई नहीं भूलना चाहिए कि शिक्षा विभाग की भर्तियों में इस तरह देरी अच्छी नहीं है. जब सरकारी स्कूलों की स्थिति पर कई सवाल उठते हैं और शिक्षकों की कमी का मुद्दा हर बार उठता है तो इन बेरोजगार के साथ इस तरह का मजाक क्यों होता है?

राजस्थान के लाखों युवा रीट-2020 का इंतजार भी कर रहे हैं. इस भर्ती को लेकर वादे कई बार हो चुके हैं. अब अपील करते हैं कि मंत्री जी इस बार कोई वादा नहीं, फाइनल तारीख ही बताए.

अगली सीरिज रविवार को... आपके सुझाव और अन्य एग्जाम से जुड़े मुद्दे हमें लिख भेजें ईमेल- sarviind@gmail.com पर

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बेरोजगारों की पीड़ा को शब्दों के माध्यम से व्यक्त करने के लिए आपका बहुत-बहुत आभार।
बेरोजगारों के सच्चे हितैषी सम्माननीय पत्रकार अरविंद जी को ग्रेट सेल्यूट।