बेरोजगार हूं सरकार! : सीरिज-5
राजस्थानी कहावत है, “मरे और मल्हार गाये’ वो आजकल राजस्थान की सियासत पर सही नजर आ रही है. इसका मतलब है, हालात खराब हैं फिर भी आंनद लिया जा रहा है. राजनीति की शर्मनाक तस्वीरें देखकर दिल रोता है. राजस्थान बेरोजगारीस्तान बन चुका है, लेकिन नेता फाइव स्टार होटलों में मस्ती कर रहे हैं. युवा होटल में जनता की कमाई पर आनंद ले रहे हैं, उस वक्त हमारे नौजवान ट्विटर पर भर्ती की मांग कर रहे हैं. रिजल्ट जारी करने की मांग कर रहे हैं. भर्ती परीक्षा में गड़बड़ी की मांग कर रहे हैं और नियुक्ति के लिए हर नेता को टैग करके अपना दर्द बयां कर रहे हैं.
राजस्थानी कहावत है, “मरे और मल्हार गाये’ वो आजकल राजस्थान की सियासत पर सही नजर आ रही है. इसका मतलब है, हालात खराब हैं फिर भी आंनद लिया जा रहा है. राजनीति की शर्मनाक तस्वीरें देखकर दिल रोता है. राजस्थान बेरोजगारीस्तान बन चुका है, लेकिन नेता फाइव स्टार होटलों में मस्ती कर रहे हैं. युवा होटल में जनता की कमाई पर आनंद ले रहे हैं, उस वक्त हमारे नौजवान ट्विटर पर भर्ती की मांग कर रहे हैं. रिजल्ट जारी करने की मांग कर रहे हैं. भर्ती परीक्षा में गड़बड़ी की मांग कर रहे हैं और नियुक्ति के लिए हर नेता को टैग करके अपना दर्द बयां कर रहे हैं.
राजस्थान विधानसभा में कुल 200 विधायक हैं. कांग्रेस के पास बसपा पार्टी को छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए 6 विधायकों सहित 107 विधायक हैं. यह इन्हीं नौजवानों के वोट लेकर विधानसभा पहुंचे हैं. एलडीसी भर्ती में सामान्य व ओबीसी वर्ग के 587 पदों को अफसर हजम कर गए, लेकिन ये विधायक चुप हैं. रीट 2016 और 2018 के पांच हजार से ज्यादा पदों पर नियुक्ति नहीं हो रही, लेकिन ये नेता फाइव स्टार होटलों में इन्हीं नौजवानों के वोट लेकर मस्ती कर रहे हैं. ये युवा 49 डिग्री पारे में भर्तियों को कराने की मांग कर रहे हैं, लेकिन ये नेता एसी कमरे में बैठकर इन्हीं युवाओं को चिढ़ा रहे हैं.
नेता किस भी पार्टी का हो, उसे नौजवानों की कोई चिंता नहीं है. भाजपा ने अपने विधायकों को जिस होटल में रुकवाया है, उसका एक दिन का किराया 19 हजार रुपए है. ठीक पढ़ा आपने. 19 हजार रुपए, लेकिन विपक्ष के पास इन नौजवानों के लिए इतना फुर्सत नहीं है कि वे अटकी भर्तियों के लिए आवाज उठाए. हालात यह है कि प्रदेश में 36975 पदों के लिए निकाली गई 29 भर्तियों में से 14107 पदों के लिए परीक्षा तक नहीं कराई गई है. 4131 पदों की भर्तियां कोर्ट में अटकी हुई है.
यह हालात नौजवानों के बर्दास्त के बाहर होते जा रहे हैं. राजनीति की यह गंदी तस्वीरें उन्हें चिढ़ा रही है. एक दिन ऐसा नहीं आ जाए, जब यही नौजवान एक-एक वोट के लिए नौकरी की तरह ही तरसाने लग जाए.
विधायकों की बाड़ाबंदी का जो वीडियो वायरल हो रहा है, उसके बाद ये नौजवान इन्हें कह रहे हैं-चूड़ियां पहन लो. युवा लिख रहे हैं आजकल जनता से सरकार का प्यार कम हो गया है. अभी विधायकों से प्यार ज्यादा है. तभी तो नौजवान नौकरी की भीख मांग रहे हैं और वहां पूरी सरकार गाने सुन रही है. सवाल यहां पर सरकार खड़ा हो रहा है कि जहां प्रदेश में कई मजदूरों को भूखा सोना पड़ रहा है, मध्यम वर्ग की कमर टूट गई है, बिजनेस लगभग खत्म हो गया है, उधोग-धंधे खत्म हो चुके हैं तो ऐसे में कोरोना काल में सरकार जनता व नौजवानों के मातम पर क्या जश्न माना रही है?
कांग्रेस पार्टी जिनकी सरकार है जो अपने विधायकों को बचाने के लिए करीब 2 करोड़ से ज्यादा खर्च कर रही है. हांलाकि पार्टी का कहना है कि हर विधायक अपने-अपने पैसे देगा लेकिन सूत्रों की मानें तो ऐसा सियासत में होता नहीं है, क्योंकि प्रत्येक विधायक पर करीब 15 से 20 हजार रुपए खर्च आ रहा है. हैरानी यह है कि रीट के चयनित अभ्यर्थी कह रहे हैं कि वे एक साल तक वेतन नहीं लेंगे. आप 122 करोड़ रुपए कोरोना वायरस से लड़ने में लगाइए, लेकिन इन नेताओं को इन युवाओं के दर्द से क्या मतलब है? इनके परिवार की परेशानी से क्या मतलब है? इन पर फाइव स्टार होटल की रंगत जो छाने लगी है.
होटल जेडब्लयू मेरियट में विधायक की मौज मस्ती का वीडियो देखा. इसे देखकर गुस्सा आ रहा है. विधायक “100 साल पहले मुझे तुमसे प्यार था, आज भी है और कल भी रहेगा” गाना सुन रहे हैं. नेताजी जरा यह तो बता दो कि क्या नौजवानों के वोट से ही प्यार है या इनसे भी है? विधायक फुटबाल खेल रहे हैं. असल में, यह फुटबाल और कोई नहीं, वे नौजवान है, जो इन दिनों सरकार से नौकरी मांग रहे हैं. राजस्थान अधीनस्थ चयन बोर्ड द्वारा जेईएन भर्ती की विज्ञप्ति जारी हुए चार महीने हो गए, लेकिन सिलेबस तक जारी नहीं किया गया. क्योंकि-नेताजी अपनी पार्टी का सिलेबस जो बना रहे थे. पुलिस विभाग में एएसआई की भर्ती में पद बढ़ाने के लिए इनके पास बिल्कुल भी समय नहीं है. पंचायतीराज विभाग की एलडीसी भर्ती 2013 को सात साल हो गए, अभी तक नियुक्ति नहीं दी गई.
कांग्रेस पार्टी जिनकी सरकार है जो अपने विधायकों को बचाने के लिए करीब 2 करोड़ से ज्यादा खर्च कर रही है. हांलाकि पार्टी का कहना है कि हर विधायक अपने-अपने पैसे देगा लेकिन सूत्रों की मानें तो ऐसा सियासत में होता नहीं है, क्योंकि प्रत्येक विधायक पर करीब 15 से 20 हजार रुपए खर्च आ रहा है. हैरानी यह है कि रीट के चयनित अभ्यर्थी कह रहे हैं कि वे एक साल तक वेतन नहीं लेंगे. आप 122 करोड़ रुपए कोरोना वायरस से लड़ने में लगाइए, लेकिन इन नेताओं को इन युवाओं के दर्द से क्या मतलब है? इनके परिवार की परेशानी से क्या मतलब है? इन पर फाइव स्टार होटल की रंगत जो छाने लगी है.
होटल जेडब्लयू मेरियट में विधायक की मौज मस्ती का वीडियो देखा. इसे देखकर गुस्सा आ रहा है. विधायक “100 साल पहले मुझे तुमसे प्यार था, आज भी है और कल भी रहेगा” गाना सुन रहे हैं. नेताजी जरा यह तो बता दो कि क्या नौजवानों के वोट से ही प्यार है या इनसे भी है? विधायक फुटबाल खेल रहे हैं. असल में, यह फुटबाल और कोई नहीं, वे नौजवान है, जो इन दिनों सरकार से नौकरी मांग रहे हैं. राजस्थान अधीनस्थ चयन बोर्ड द्वारा जेईएन भर्ती की विज्ञप्ति जारी हुए चार महीने हो गए, लेकिन सिलेबस तक जारी नहीं किया गया. क्योंकि-नेताजी अपनी पार्टी का सिलेबस जो बना रहे थे. पुलिस विभाग में एएसआई की भर्ती में पद बढ़ाने के लिए इनके पास बिल्कुल भी समय नहीं है. पंचायतीराज विभाग की एलडीसी भर्ती 2013 को सात साल हो गए, अभी तक नियुक्ति नहीं दी गई.
नेता किस भी पार्टी का हो, उसे नौजवानों की कोई चिंता नहीं है. भाजपा ने अपने विधायकों को जिस होटल में रुकवाया है, उसका एक दिन का किराया 19 हजार रुपए है. ठीक पढ़ा आपने. 19 हजार रुपए, लेकिन विपक्ष के पास इन नौजवानों के लिए इतना फुर्सत नहीं है कि वे अटकी भर्तियों के लिए आवाज उठाए. हालात यह है कि प्रदेश में 36975 पदों के लिए निकाली गई 29 भर्तियों में से 14107 पदों के लिए परीक्षा तक नहीं कराई गई है. 4131 पदों की भर्तियां कोर्ट में अटकी हुई है.
यह हालात नौजवानों के बर्दास्त के बाहर होते जा रहे हैं. राजनीति की यह गंदी तस्वीरें उन्हें चिढ़ा रही है. एक दिन ऐसा नहीं आ जाए, जब यही नौजवान एक-एक वोट के लिए नौकरी की तरह ही तरसाने लग जाए.
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